
हिंदू धर्म में शुक्रवार का दिन विशेष रूप से मां लक्ष्मी की पूजा के लिए समर्पित है। मां लक्ष्मी को धन, सुख-समृद्धि, और ऐश्वर्य की देवी माना जाता है। इसलिए, शुक्रवार को उनकी पूजा का महत्व बहुत अधिक है, क्योंकि यह दिन उनके आशीर्वाद को प्राप्त करने के लिए विशेष रूप से उपयुक्त माना जाता है। शुक्रवार को मां लक्ष्मी की पूजा करने से घर में समृद्धि और खुशहाली बनी रहती है। इस दिन विशेष रूप से धन की कामना करने वाले लोग व्रत रखते हैं, उपवासी रहते हैं और देवी लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करते हैं। यह दिन व्यवसायियों और व्यापारियों के लिए भी शुभ माना जाता है, क्योंकि यह दिन उनके कारोबार में वृद्धि और सफलता लाने के लिए विशेष रूप से लाभकारी माना जाता है।
मां लक्ष्मी की पूजा में आमतौर पर उनके चित्र या मूर्ति के सामने दीपक जलाया जाता है, फल, मिठाई, फूल, और पत्तियों से पूजा की जाती है। पूजा के दौरान “ॐ श्री महालक्ष्म्यै नमः” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है, ताकि देवी लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके। इसके अलावा, शुक्रवार को कुछ लोग विशेष रूप से “लक्ष्मी स्तोत्र” या “लक्ष्मी आरती” का पाठ भी करते हैं। इस दिन की पूजा का उद्देश्य केवल धन और संपत्ति की प्राप्ति नहीं है, बल्कि यह भी है कि जीवन में सुख, शांति, और समृद्धि बनी रहे। इस दिन की पूजा से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और हर कार्य में सफलता प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में शुक्रवार की पूजा का विशेष महत्व माना जाता है, क्योंकि यह दिन धन की देवी मां लक्ष्मी की पूजा को समर्पित है। मान्यता है कि इस दिन उनकी पूजा-अर्चना करने से साधक की आर्थिक समस्याएं समाप्त होती हैं। इस दौरान उपवास रखना और भी कल्याणकारी होता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि के साथ-साथ कुंडली में भी शुक्र मजबूत होता है।
ज्योतिषियों के अनुसार शुक्र सुख-समृद्धि, प्रेम, वैवाहिक सुख, संगीत व सौंदर्य के कारक ग्रह है। उनके प्रभाव से व्यक्ति के सुख में वृद्धि होती है। परंतु स्थिति सही न होने पर कई तरह की समस्याएं झेलनी पड़ सकती हैं। ऐसे में शुक्र ग्रह की स्थिति और माता लक्ष्मी की कृपा पाने के लिए शुक्रवार के दिन विधि-विधान से पूजा पाठ करें। पूजा के दौरान लक्ष्मी चालीसा का पाठ भी अवश्य करें। इसके प्रभाव से जातक के धन-संपत्ति व आर्थिक स्थिति मजबूत होती है। ऐसे में आइए इस चालीसा के बारे में जानते हैं…..