
शाहजहांपुर में बच्चों और पति की मौत के बाद पत्नी कौशल्या का रो-रोकर बुरा हाल है। कौशल्या बच्चों की याद में बदहवास हो रही है। कौशल्या ने खुलासा किया है कि उसे बच्चोंको मारने की सनक चढ़ी थी। पहले भी वो बच्चों को मारने के लिए जहर और धारदार हथियार लाया था।शाहजहांपुर के रोजा के मानपुर चचरी गांव में चार बच्चों की हत्या कर आत्महत्या करने वाले राजीव पर कई दिनों से वारदात को अंजाम देने की सनक चढ़ी हुई थी। पहले भी वह चुपके से गड़ासा लेकर आया था लेकिन पत्नी ने तालाब में फेंक दिया था। इस बार वह फिर से गड़ासा लेकर आया और छुपा दिया। परिजनों के मुताबिक गड़ासा पहले से घर में नहीं था।बुधार रात एक से दो बजे के बीच राजीव ने अपने चार बच्चों की गर्दन गड़ासे से काटने के बाद खुद भी फंदे से लटककर जान दे दी थी। इससे पहले दिन में उसने पत्नी कौशल्या को पीटकर घर से भगा दिया था।
बच्चों की याद में तड़पती कौशल्या ससुराल पहुंची
बृहस्पतिवार को बच्चों को दफनाने और राजीव के अंतिम संस्कार के बाद कौशल्या को बरेली के फतेहगंज पूर्वी के गांव करतौली के रहने वाले मायके के लोग लेकर चले गए थे। शनिवार सुबह बच्चों की याद में तड़पती कौशल्या ससुराल मानपुर चचरी पहुंची। दरवाजे पर पहुंचते ही चीखकर बेसुध हो गई। परिजनों ने किसी तरह उसे संभाला। इसके बाद वह फिर से रोने-बिलखने लगी। परिजनों ने पानी पिलाकर उसे शांत करने की कोशिश की।
पहले पति बांका और सल्फास की गोली लेकर आया था
रोते हुए कौशल्या ने बताया कि उसका पति राजीव उसके साथ पांच दिन से लगातार मारपीट कर रहा था। जब नाराजगी जताई तो पति बोला: तुम मायके चली जाओ, कल आ जाना। हम पति के इरादों को समझ नहीं पाए। कौशल्या ने बताया कि होली से पहले पति बांका और सल्फास की गोली लेकर आया था। पीपल के पेड़ के पीछे छिपा दिया। जानकारी होने पर बांका व सल्फास तालाब में फेंक दिया था। थाने जाकर पुलिस को भी पूरी बात बताई थी। पूछताछ में पुलिस को बताया था कि सालभर पहले हादसे के बाद से राजीव ऐसी हरकत कर रहा है।
राजीव ने चारपाई से बांध दिया था कौशल्या को
कौशल्या ने बताया कि होली के आठ दिन बाद पति कहने लगा था कि इस बार ऐसा काम करेंगे कि किसी को पता ही नहीं लगने देंगे। एक दिन राजीव ने कौशल्या को चारपाई से बांध दिया और चाकू से गला काटने की बात करने लगा। घबराई कौशल्या ने किसी तरह खुद को छुड़ाया और पुलिस को बुलाकर पूरी बात बताई। राजीव के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की जानकारी पर पुलिस ने कहा था कि पति का इलाज कराओ।
घर में नहीं था गड़ासा
पिता पृथ्वीराज ने बताया कि जिस गड़ासे से हत्याकांड किया गया, वह घर पर नहीं था। राजीव ही कहीं से छुपाकर लाया था। परिजनों के मुताबिक, राजीव हमेशा मरने-मारने की बात करता था इसलिए घर में चाकू भी छुपाकर रखा जाता था।
ससुर व अपने भाई से की थी पति की शिकायत
कौशल्या ने बताया कि जब ससुर से मारपीट की शिकायत की तो वह बोले: जवान बेटा है। क्या करें। कहीं वह हमें मार दे।कुछ दिन रुको। सबकुछ ठीक हो जाएगा। कौशल्या ने बताया कि भाई से शिकायत की थी।
माचिस की तीली जलाई, तब लटका दिखा राजीव
बृहस्पतिवार की सुबह पृथ्वीराज ने रोजाना की तरह चाय पीने के लिए पोते ऋषभ को आवाज दी। जवाब न मिलने पर पृथ्वीराज मकान में गए तो पोते-पोतियों की लाश देख पैरों तले जमीन खिसक गई। राजीव द्वारा हत्या कर भाग जाने का शोर मचाया तो ग्रामीणों की भीड़ एकत्र हो गई। इसके बाद पृथ्वीराज कमरे में गए। अंधेरा होने पर माचिस की तीली जलाई तब राजीव फंदे से लटका दिखा था।
गांव में तैनात दो सिपाही
घटना के बाद से मानपुर चचरी गांव में रोजाना लोगों की भीड़ लग रही है। किसी प्रकार की कोई और अनहोनी न हो, इसके लिए दो सिपाही तैनात कर दिए गए हैं।
मायके वालों के बयान किए गए दर्ज
रोजा थाना प्रभारी राजीव सिंह ने बताया कि मामले में हर बिंदु पर जांच की जा रही है। शनिवार को मायके पक्ष के लोगों के बयान भी दर्ज किए गए हैं। अभी तक वहीं पुरानी बात सामने आईं हैं।
पिता ने गला रेतकर चार मासूमों को मार डाला, खुद भी फंदे से लटका
शाहजहांपुर। रोजा थाना क्षेत्र के मानपुर चचरी गांव में बुधवार देर रात पिता ने अपने चार मासूम बच्चों की गला रेतकर हत्या कर दी। इसके बाद खुद भी फंदे से लटककर जान दे दी। वारदात से पहले दिन में ही उसने पत्नी को पीटकर घर से भगा दिया था। राजीव (36), पत्नी कौशल्या उर्फ क्रांति देवी, बेटी स्मृति (13), कीर्ति (9), प्रगति (7) और बेटे ऋषभ (5) के साथ चचरी गांव में रहता था। थोड़ी दूरी पर झोपड़ी डालकर रहने वाले राजीव के पिता पृथ्वीराज ने बताया कि बुधवार दोपहर उसने क्रांति को पीटकर घर से भगा दिया था। वह अपने मायके बरेली जिले के फतेहगंज पूर्वी थाना क्षेत्र के गांव करतौली चली गई थी।
पृथ्वीराज के मुताबिक, रात में चारों बच्चों के साथ राजीव घर में सोया था। बृहस्पतिवार सुबह सात बजे उन्होंने पौत्र को चाय पीने के लिए बुलाया। काफी देर बाद भी कोई जवाब नहीं मिला तो वह बाहर बने शौचालय से चढ़कर घर में दाखिल हुए। अंदर एक चारपाई पर स्मृति, दूसरी पर ऋषभ, तीसरी पर कीर्ति और प्रगति के लहूलुहान शव पड़े थे। चारों के गले बड़े चाकू से रेते गए थे। अंदर कमरे में कुंडे से राजीव का शव लटक रहा था।
हादसे के बाद बिगड़ गई मानसिक स्थिति
पिता ने बताया कि एक साल पहले हादसे में राजीव के सिर पर चोट आई थी। तब से उसकी मानसिक स्थिति बिगड़ गई थी। उसका बरेली से इलाज चल रहा था। दवाओं का असर खत्म होते ही वह उल्टी-सीधी हरकतें करने लगता था।एसपी राजेश द्विवेदी राजीव ने अपने बच्चों की हत्या करने के बाद आत्महत्या की है। युवक के मानसिक रूप से अस्वस्थ होने की बात सामने आई है। पृथ्वीराज की तहरीर पर रिपोर्ट दर्ज कर जांच की जा रही है।