बरेली में किशोरी से दुष्कर्म: जीआरपी की एक गलती से बिगड़ा केस, दरिंदे की पहचान फंसी, पुलिस ने भी संभाला मोर्चा…

बरेली सिटी स्टेशन के पास किशोरी से दरिंदगी करने वाले की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। वहीं जीआरपी ने पुलिस को सूचना देने में भी दूरी की।एटा की किशोरी से बरेली सिटी स्टेशन के पास दुष्कर्म की घटना में जीआरपी ने पुलिस को जानकारी न देकर वह गोल्डन ऑवर (स्वर्णिम समय) खो दिया, जब आरोपी दरिंदे को आसानी से पकड़ा जा सकता था। हालांकि अब पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। आठ टीमों में बरेली पुलिस की दोनों एसओजी शामिल हैं, वह लाल शर्ट वाले संदिग्धों की धरपकड़ में जुट गई हैं।

बरेली सिटी स्टेशन के पास किशोरी से दरिंदगी करने वाले की पहचान अभी तक नहीं हो सकी है। स्टेशन पर सीसीटीवी कैमरे भी नहीं लगे हैं। वहीं जीआरपी ने पुलिस को सूचना देने में भी दूरी की।एटा की किशोरी से बरेली सिटी स्टेशन के पास दुष्कर्म की घटना में जीआरपी ने पुलिस को जानकारी न देकर वह गोल्डन ऑवर (स्वर्णिम समय) खो दिया, जब आरोपी दरिंदे को आसानी से पकड़ा जा सकता था। हालांकि अब पुलिस ने भी मोर्चा संभाल लिया है। आठ टीमों में बरेली पुलिस की दोनों एसओजी शामिल हैं, वह लाल शर्ट वाले संदिग्धों की धरपकड़ में जुट गई हैं।

बृहस्पतिवार रात किशोरी के साथ घटना की जानकारी जीआरपी सिटी स्टेशन प्रभारी आशुतोष शुक्ला को बृहस्पतिवार रात नौ बजे तक हो गई थी। इसके बाद उन्होंने जंक्शन थाना प्रभारी परवेज व अपने उच्चाधिकारियों को सूचना दे दी थी। एसपी जीआरपी भी मुरादाबाद से आ गए लेकिन स्थानीय पुलिस या अधिकारियों को सूचना नहीं दी गई। रात करीब साढ़े 12 बजे जब जिला अस्पताल से मेमो कोतवाली पहुंचा तो पुलिस को घटना की जानकारी हुई।करीब चार घंटे के इस अंतराल में ऐसी दुकानें भी बंद हो चुकी थीं, जहां कैमरे लगे थे। वहीं अपने सीमित संसाधनों से केवल स्टेशन पर गतिविधियां देखने वाली जीआरपी के पास आसपास के शातिरों का कोई रिकार्ड भी नहीं था और न ही इधर-उधर भागने के रास्ते पता थे। इस वजह से रात भर की कवायद में कोई सफलता नहीं मिल सकी।

घटनास्थल पर दिन भर रहीं टीमें, धरपकड़ भी तेज
बृहस्पतिवार रात में मौके पर पहुंचे एसएसपी ने एसपी जीआरपी से बात की। फिर आठ टीमों का गठन किया गया। इनमें चार टीम जीआरपी, दो स्थानीय पुलिस और दो एसओजी की टीम शामिल हैं। शुक्रवार सुबह से ही एसओजी व पुलिस की टीमें सिटी स्टेशन से लेकर मढ़ीनाथ व आगे तक घूमकर मॉनीटरिंग करती रहीं। इस दौरान घटनास्थल का नक्शा बनाने से लेकर आसपास संचालित बीटीएस से यहां रात में सक्रिय मोबाइल नंबरों की जानकारी करने तक के काम किए गए। कोतवाली व सुभाषनगर पुलिस ने स्थानीय मुखबिर भी आरोपी की पहचान के लिए लगाए हैं।

करोड़ों खर्च, फिर भी कैमरों का इंतजाम नहीं
सिटी स्टेशन को कुछ समय पहले ही अमृत भारत योजना के तहत 10 करोड़ 97 लाख रुपये लगाकर चमकाया गया है। स्टेशन अब नए कलेवर में काफी आकर्षक बनाया गया है। यहां नए कैमरे लगाने के लिए फिटिंग भी की गई है लेकिन अब तक एक भी सीसीटीवी नहीं लगाया गया है।जाहिर है कि ट्रेन काफी समय तक स्टेशन पर खड़ी रही। माना जा रहा है कि इस दौरान आरोपी भी स्टेशन पर रहा होगा। अगर स्टेशन पर सीसीटीवी लगे होते तो उसकी पहचान मिनटों में हो सकती थी। काफी तलाश करने पर आरपीएफ गेट के पास एक कैमरा मिला, जिससे स्टेशन पर आने जाने वालों की गतिविधि पता लग रही थी। हालांकि अंधेरे में इसकी फुटेज स्पष्ट नहीं हो पा रही थी। अब मढ़ीनाथ के आसपास के इलाके के कैमरे तलाशे जा रहे हैं। इनमें दिखने वाले संदिग्धों के मोबाइल की लोकेशन भी देखी जा रही है।

किशोरी का कराया ऑपरेशन, फोटो से कराएंगे पहचान
रात में ही किशोरी को भोजीपुरा स्थित निजी मेडिकल कॉलेज ले जाया गया। वहां शुक्रवार को उसका ऑपरेशन किया गया तो ब्लीडिंग बंद हुई। डॉक्टरों के मुताबिक अभी एनेस्थीसिया का असर होने से किशोरी अचेत अवस्था में है। शनिवार सुबह तक वह काफी हद तक सही हो जाएगी। पुलिस ने भी डॉक्टरों से इस बारे में बात की है।पुलिस की संयुक्त टीम आसपास के ऐसे संदिग्धों की जानकारी जुटा रही है जिनकी उम्र 50 साल के करीब है। बाल कुछ सफेद भी हैं और वह लाल शर्ट पहने था। पुलिस का मानना है कि आरोपी ट्रेन का मुसाफिर नहीं हुआ तो जरूर इसी इलाके का नशेड़ी या खुराफाती रहा होगा। ऐसे में किशोरी को इन संदिग्धों के फोटो व विजुअल दिखाकर आरोपी की पहचान कराई जा सकेगी।एसएसपी अनुराग आर्य ने बताया कि जीआरपी के अधिकारी संपर्क में हैं। एसओजी व सर्विलांस की टीमें रात से ही लगा दी गई थीं। अलविदा की नमाज के बाद कोतवाली पुलिस को भी सहयोग में लगाया है। किशोरी की हालत सही होने पर उसे संदिग्धों के फोटो व विजुअल दिखाएंगे। जल्दी ही आरोपी की पहचान कर ली जाएगी।

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