
झांसी। दो टोल प्लाजा का छोड़ दिया जाएं तो शेष सभी से ओवरलोड वाहनों की खुलेआम आवाजाही बनी हुई है। इसका ब्यौरा परिवहन विभाग को नहीं दिया जा रहा है, जिसके चलते इन पर कार्रवाई नहीं हो पा रही है। नतीजतन हाईवे की दुर्दशा तो हो ही रही है। साथ ही सड़क हादसों में लगातार वृद्धि हो रही है। इस मामले में एनएचएआई और टोल कंपनियां लापरवाह बनी हुई हैं।
सड़कों पर ओवरलोड वाहनों पर अंकुश लगाने के लिए केंद्रीय परिवहन मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर स्थित बूथ पर अंडरग्राउंड में कांटे लगाए हैं। यह कांटे ओवरलोड वाहन के गुजरने पर पूरी माप करते हैं। इसका ब्यौरा टोल प्लाजा पर एकत्रित हो जाता है। यह ब्यौरा टोल कंपनियों को परिवहन विभाग को भेजना होता है। इसके बाद इन वाहनों पर कार्रवाई की जाती है, लेकिन झांसी क्षेत्र स्थित छह टोल प्लाजा में केवल दो ही टोल एट व सेमरी ओवरलोड वाहनों की रिपोर्ट परिवहन विभाग को दे रहे हैं। विघाखेत, बबीना, रक्सा, आटा टोल प्लाजा से ओवरलोड वाहनों की कोई रिपोर्ट नहीं दी जा रही है।
10 गुना से घटाकर किया 2 गुना जुर्माने का प्रावधान
पहले ओवरलोड वाहनों से 10 गुना जुर्माना वसूलने का प्रावधान था, लेकिन जनवरी में ही इस जुर्माने को दो गुना कर दिया गया है। ऐसे में टोल प्लाजा की वसूली कम होने के साथ ओवरलोडिंग वाहनों की भी आवाजाही यहां अधिक हो गई है।
आटा में नहीं लगा कांटा, रक्सा में नहीं है चालू
ओवरलोड वाहन पर शिकंजा कसने के लिए टोल पर कांटे लगाए गए हैं। इसमें झांसी एनएचएआई से जुड़े क्षेत्र की बात करें तो यहां मौजूद कुल छह टोल प्लाजा में आटा में यह कांटा नहीं लगा है। रक्सा में यह चालू नहीं है। शेष चाल टोल प्लाजा पर यह लगाए जा चुके हैं और चालू हालत में है।एट और सेमरी टोल प्लाजा से ओवरलोड वाहनों की रिपोर्ट दी जा रही है, शेष इसमें लापरवाही बरत रहे हैं। इन्हें कई बार पत्र भेजा गया, लेकिन तमाम बहाने बनाकर यह टालते हैं। ऐसे में हाईवे पर ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई अधिक नहीं हो पा रही। आटा टोल पर अभी ओवरलोड वाहनों के तौल की व्यवस्था नहीं है। अन्य टोल प्लाजा को ओवरलोड वाहनों की सूची परिवहन विभाग को देनी है। यदि वह ऐसा नहीं कर रहे हैं तो इसकी जांच कर कार्रवाई के लिए पत्र मुख्यालय को लिखा जाएगा।