किंग चार्ल्स झेल रहे हैं कैंसर ट्रीटमेंट के साइड इफेक्ट्स, जानिए इलाज क्यों बन जाता है आफत..

एक बीमारी के तौर पर कैंसर जितना खतरनाक है, उसका इलाज उतना ही पेनफुल होता है, क्योंकि इसके साइड इफेक्ट्स भी होते हैं, जिसका सामना किंग चार्ल्स भी कर रहे हैं.

King Charles Cancer Treatment Side Effects: अपनी बीमारी की वजह से किंग चार्ल्स एक बार फिर खबरों में हैं. न्यूयॉर्क टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, बकिंघम पैलेस द्वारा जारी एक बयान में बताया गया है कि कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स से पीड़ित होने के बाद किंग चार्ल्स तृतीय को 27 मार्च 2025 को कुछ वक्त के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया था.

फिलहाल किंग चार्ल्स के कार्यक्रम रद्द
पैलेस ने कहा कि किंग चार्ल्स अब लंदन में अपने निवास क्लेरेंस हाउस (Clarence House) लौट आए हैं, और 28 मार्च के लिए उनके सभी सार्वजनिक कार्यक्रम एहतियात के तौर पर रद्द कर दिए जाएंगे.

2024 में कैंसर डायग्नोज हुआ था?
पिछले साल फरवरी में, किंग ने कहा था कि उन्हें एक अज्ञात प्रकार के कैंसर का पता चला है और तब से उनका इलाज चल रहा है. पैलेस ने साइड इफेक्ट्स के नेचर की जानकारी नहीं दी है. हालांकि, उन्होंने कहा कि वो अस्थायी थे और “अस्पताल में थोड़े समय के लिए ऑबजर्वेशन की जरूरत थी.”

बिजी रहते हैं किंग चार्ल्स
हाल के महीनों में, किंग चार्ल्स एक बिजी शेड्यूल फॉलो कर रहे हैं, जिसमें यूक्रेनी राष्ट्रपति वलोडिमिर जेलेंस्की सहित विदेशों के नेताओं की मेजबानी करना और एयरक्राफ्ट कैरियर, एचएमएस प्रिंस ऑफ वेल्स का दौरा करना शामिल है.

पैलेस ने क्या बताया?
पैलेस ने उनकी बीमारी का पूर्वानुमान या उनके इलाज के नेचर के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है. पिछले साल फरवरी में बढ़े हुए प्रोस्टेट के लिए सर्जरी के दौरान उनके कैंसर का पता चला था. पैलेस ने कहा है कि उन्हें प्रोस्टेट कैंसर नहीं है, लेकिन उन्होंने अपनी बीमारी के बारे में कोई डिटेल शेयर नहीं किया.

कैंसर के इलाज के साइड इफेक्ट्स क्यों होते हैं?
कैंसर ट्रीटमेंट से साइड इफेक्ट्स इसलिए होते हैं क्योंकि ये सिर्फ कैंसर सेल्स को ही नहीं, बल्कि हेल्दी सेल्स को भी प्रभावित करता है. कीमोथेरेपी, रेडिएशन और इम्यूनोथेरेपी जैसी मेथड्स तेजी से बढ़ने वाली कोशिकाओं को नष्ट करती हैं, जिससे बाल झड़ना, थकान, मतली और कमजोरी जैसी समस्याएं पैदा होती हैं.रेडिएशन स्किन और इंटरनल टिशू को नुकसान पहुंचा सकता है, जबकि इम्यूनोथेरेपी बॉडी इम्यूनिटी को बहुत ज्यादा सक्रिय कर सकती है, जिससे सूजन और एलर्जी जैसे रिएक्शंस हो सकते हैं. हालांकि, आधुनिक दवाओं और चिकित्सा तकनीकों की मदद से साइड इफेक्ट्स को कम करने के नए उपाय खोजे जा रहे हैं.

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