अलीगढ़। मडराक क्षेत्र में 12 वर्ष पहले युवक की गोली मारकर हत्या के मामले में सोमवार को निर्णय आ गया। जिला जज संजीव कुमार की अदालत ने चार लोगों को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। चारों पर जुर्माना लगाया गया है।
डीजीसी फौजदारी चौ. जितेंद्र सिंह ने बताया कि मडराक क्षेत्र के गांव कोठिया निवासी लाखन सिंह ने मुकदमा पंजीकृत कराया था। इसमें कहा था कि 25 मार्च 2012 को उनके भाई केंद्रपाल सिंह प्रेमपाल के मकान के बरामदे में सो रहे थे।
देररात दो बजे गांव के मोहन सिंह, अनिल, राकेश के अलावा बुलंदशहर के थाना सलेमपुर क्षेत्र के गांव घतूरी निवासी कल्याण सिंह उर्फ करुआ आए और तमंचे से केंद्रपाल के सिर में सटाकर गोली मार दी। इससे मौके पर ही उनकी मृत्यु हो गई।
पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया था
बताया गया कि राकेश व अनिल ने केंद्रपाल के पैर, करुआ ने हाथ पकड़े और मोहन ने गोली चलाई थी। पुलिस ने सभी को जेल भेज दिया। मोहन से तमंचा बरामद हुआ था। पुलिस के अनुसार गांव में भूखंड को लेकर दो पक्षों में चल रही रंजिश के चलते यह हत्या की गई थी।
पुलिस ने चारों मुल्जिमों के विरुद्ध आरोप पत्र दाखिल किया। सभी मुल्जिम हाईकोर्ट से जमानत पर बाहर थे। अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर मोहन, अनिल, राकेश व करुआ को दोषी करार देते हुए निर्णय सुनाया है। साथ ही अनिल, राकेश व करुआ पर सात-सात हजार रुपये व मोहन पर नौ हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। सजा होने के बाद सभी को जेल भेज दिया गया।
किशोरी से दुष्कर्म में दोषी को 20 वर्ष कारावास, तीन दोषमुक्त
छर्रा क्षेत्र में तीन वर्ष पहले किशोरी से दुष्कर्म के मामले में पाक्सो की विशेष अदालत के न्यायाधीश सुरेंद्र मोहन सहाय ने दोषी युवक को 20 वर्ष कारावास की सजा सुनाई है। जबकि तीन लोगों को संदेह का लाभ देते हुए दोषमुक्त कर दिया। विशेष लोक अभियोजक महेश सिंह ने बताया कि छर्रा क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने मुकदमा पंजीकृत कराया था।
सामूहिक दुष्कर्म की जानकारी दी
इसमें कहा था कि 15 सितंबर 2021 को सुबह सात बजे उनकी 16 वर्षीय बेटी डेयरी से दूध लेने गई थी। लौटते समय रास्ते में गांव के ही अनूप शर्मा उर्फ सरवन किशोरी को हाथ पकड़कर ले गया और उसके साथ दुष्कर्म किया। जान से मारने की धमकी भी दी। करीब एक घंटे बाद किशोरी मौका पाकर भाग आई और मां को पूरी घटना के बारे में बताया। किशोरी ने मजिस्ट्रेट के समक्ष दिए बयानों में सामूहिक दुष्कर्म की बात बताई।
दो बार में दाखिल हुए आरोप पत्र
जांच में पिंटू, रंजीत सिंह व हिरदेश उर्फ अंशू के नाम प्रकाश में आए। पुलिस ने चारों के विरुद्ध दो बार में आरोप पत्र दाखिल किया। अदालत ने साक्ष्यों व गवाहों के आधार पर अनूप को दोषी करार देते हुए सजा सुनाई है। उस पर 56 हजार रुपये का जुर्माना लगाया है। इसमें से 50 हजार रुपये पीड़िता को क्षतिपूर्ति के रूप में देने के आदेश दिए हैं। जबकि पिंटू, रंजीत व हिरदेश को दोषमुक्त कर दिया।