तेलंगाना के 20 साल के पर्वतारोही भुक्या यशवंत नाइक एक बार फिर चर्चा मे हैं. नाइक ने सबसे कम उम्र में माउंट गोरीचेन की चढ़ाई पूरी की है. इसके पहले इस उम्र में किसी ने भी इस चढ़ाई को पूरा नहीं किया है. यशवंत ने 6,488 मीटर ऊंचे माउंट गोरीचेन के मुख्य शिखर तक की चढ़ाई पूरी कर ली है. यह एक तरह का नया रिकॉर्ड है.
यशवंत नाइक मूलरूप से तेलंगाना के महबूबाबाद से आते हैं. यह एक आदिवासी इलाका है, जहां उन्होंने बहुत कम संसाधनों की मदद से अपनी यात्रा शुरू की थी. यशवंत अपनी कड़ी मेहनत के कारण ही चुनौतीपूर्ण चोटियों पर चढ़ने में सफल रहे हैं.
यशवंत ने महज 16 साल की उम्र में भुवनगिरी में रॉक क्लाइम्बिंग स्कूल प्रशिक्षण संस्थान में रॉक क्लाइम्बिंग शुरू की थी. नाइक को इंडियन हिमालयन सेंटर फॉर एडवेंचर एंड ईकोटूरिज्म (IHCAE) से ट्रेनिंग लेने का मौका भी मिला है.
डिफेंस सर्विस में जाने का है यशवंत का सपना
युवा पर्वतारोही यशवंत ने कहा कि मैंने अपनी स्कूली शिक्षा अपने जिले से ही पूरी की है. मैं अभी ग्रेजुएशन की पढ़ाई कर रहा हूं. यशवंत ने कहा कि मैंने अपनी इंटरमीडिएट की पढ़ाई के दौरान पर्वतारोहण की यात्रा शुरू की थी. यशवंत का सपना है कि वे आने वाले समय में डिफेंस सर्विस में शामिल हों. यही कारण है कि मैं आदिवासी कल्याण आवासीय कॉलेज में शामिल हो गया. क्योंकि यहां पर एनडीए परीक्षा के लिए कोचिंग की जाती है.
क्या है यशवंत का सपना?
यशवंत चढ़ाई के लिए हर रोज फिजिकल मेहनत करते हैं. उन्होंने बताया कि मैं हर दिन सुबह दौड़ता हूं, और बाद में करीब 2 घंटे फिजिकल फिटनेस करता हूं. उन्होंने बताया कि मैं अपना खाना खुद तैयार करता हूं. यशवंत का सपना माउंट एवरेस्ट और 7 महाद्वीपों की 7 सबसे ऊंची चोटियों पर चढ़ने का है. यशवंत की इस उपलब्धि पर उनके परिवार के साथ पूरे गांव वालों को गर्व है.
कब हुई थी ये चढ़ाई?
माउंट गोरीचेन की चढ़ाई 19 सितंबर, 2024 को हुई, यशवंत नाइक, प्रसिद्ध ट्रांसेंड एडवेंचर कंपनी के साथ, इस चुनौतीपूर्ण चोटी के शिखर पर सफलतापूर्वक पहुँचने वाली पहली नागरिक टीम का हिस्सा थे. पूरा रास्ता जोखिम से भरा था, ढीली चट्टानें और भयावह समुद्री ग्लेशियर ने कठिनाई को और बढ़ा दिया. इन बाधाओं के बावजूद ने अपनी चढ़ाई पूरी की.
कहां है गोरीचेन चोटी और कितनी है ऊंचाई?
गोरीचेन चोटी अरुणाचल प्रदेश के तवांग ज़िले में स्थित एक पर्वत चोटी है. यह चोटी पूर्वी भारत और अरुणाचल प्रदेश की सबसे ऊंची है. जिसकी ऊंचाई समुद्र तल से 21,283 फ़ीट (6,488 मीटर) है. यह तिब्बत की सीमा के करीब है. ये चोटी बर्फ से ढकी और अपने ऊबड़-खाबड़ भूभाग के लिए जानी जाती है. इसको पार करना हर किसी पर्वतारोही का सपना होता है, कई बार की कोशिश के बाद ही लोग इसे पार कर पाते हैं.