सीवरेज क्षेत्र में 500 शहरों में 2.94 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए: केंद्रीय राज्य मंत्री कौशल किशोर

नई दिल्ली। आज 70 प्रतिशत शहरी परिवारों को पाइप से जलापूर्ति हो रही है और तकरीबन 42 प्रतिशत को सीवरेज सुविधाएं मिल रही हैं। इसके साथ ही अमृत योजना के तहत 1.87 करोड़ नए नल कनेक्शन दिए गए।

केंद्रीय आवास एवं शहरी मामलों के राज्य मंत्री कौशल किशोर ने उच्च सदन में सवाल के लिखित जवाब में बताया कि सीवरेज क्षेत्र में 500 शहरों में 2.94 करोड़ नए कनेक्शन दिए गए। इस तरह से वर्तमान में 42 प्रतिशत शहरी घर सीवरेज से जुड़ चुके हैं।

साल 2015 में हुई अटल योजना (अमृत) की शुरुआत
मंत्री ने बताया कि 2011 की जनगणना के अनुसार शहरों में 6.70 करोड़ घर थे और तकरीबन 49 प्रतिशत घरों में नल कनेक्शन थे। केंद्रीय मंत्री ने बताया कि कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल योजना (अमृत) की शुरुआत 25 जून, 2015 को देश भर के चयनित 500 शहरों (लगभग 60 प्रतिशत शहरी आबादी को कवर करने वाले) और कस्बों में की गई थी। इसका उद्देश्य पाइप से पानी की आपूर्ति और सीवरेज कवरेज बढ़ाना था।

23 राज्यों के 644 जिलों में स्थापित किए गए जिला खनिज फाउंडेशन
देश के 23 राज्यों के 644 जिलों में जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) स्थापित किए गए। राज्यों को व्यक्तियों और खनन संबंधी कार्यों से प्रभावित क्षेत्रों के कल्याण के लिए डीएमएफ स्थापित करने का अधिकार दिया गया है।

कोयला एवं खान मंत्री प्रहलाद जोशी ने सवाल के लिखित जवाब में उच्च सदन में यह जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने बताया कि राज्यों को डीएमएफ के कामकाज को संचालित करने के लिए भी नियम बनाने का अधिकार दिया गया है।

‘साथी’ पोर्टल पर अब तक 60 हजार छात्र पंजीकृत
इस साल 12 दिसंबर तक 60 हजार से अधिक छात्रों ने प्रतियोगी व अन्य परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक स्व-चालित मूल्यांकन मंच ‘साथी’ पर पंजीकरण कराया है।

केंद्रीय शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. सुभाष सरकार ने लोकसभा में सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि साथी (प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए स्वमूल्यांकन, परीक्षण और सहायता) पोर्टल को जेईई, नीट और विभिन्न राज्य स्तर की इंजीनियरिंग व अन्य परीक्षाओं की तैयारी करने वाले प्रत्येक छात्र को गुणवत्ता युक्त शिक्षा उपलब्घ कराने के उद्देश्य से गत मार्च में शुरू किया गया था।

जलवायु परिवर्तन में आपदाओं के प्रभावी होने की जानकारी नहीं
भारत में जलवायु परिवर्तन में प्राकृतिक आपदाओं के योगदान को मापने के लिए कोई अध्ययन नहीं किया गया है। केंद्रीय पर्यावरण राज्य मंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने सवाल के लिखित जवाब में यह जानकारी लोकसभा में दी। उन्होंने कहा कि भारत सहित दुनिया भर में प्राकृतिक आपदाओं की घटनाओं में बढ़ोत्तरी हुई है।

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