लंदन। ब्रिटेन की 18 महीने की बच्ची ओपाल सैंडी ने इतिहास रच दिया है। दरअसल, जीन थेरेपी के जरिए बच्ची का बहरापन हमेशा-हमेशा के लिए दूर हो गया है। वो दुनिया की पहली बच्ची है, जो इस थेरेपी के जरिए एक बार फिर सुन सकती है। डॉक्टरों ने कहा कि इस ऐतिहासिक सफलता से बहरेपन का इलाज अब आसानी से हो जाएगा। ये थेरेपी एक मील का पत्थर साबित हुआ है।
क्या थी ओपाल को दिक्कत?
दरअसल, ओपाल को न्यूरोपैथी समस्या थी, जिसके कारण बचपन से ही वह सुन नहीं सकती थी। यह समस्या तब होती है जब दिमाग तक जाने वाली कान की भीतरी हिस्से की नस काम नहीं करती है। ओपाल की मां जो सैंडी ने बताया कि इस ऑपरेशन में महज 16 मिनट ही लगे। इलाज के बाद हमें महसूस हुआ कि वह सुन सकती है, तो हमारी खुशी का ठिकाना नहीं था।
भारतीय मूल के डॉक्टर ने किया ये सर्जरी
बता दें कि बच्चे का इलाज एक भारतीय मूल के ईयर सर्जन प्रोफेसर मनोहर बैंस ने की हैं। इस ट्रायल में ब्रिटेन, स्पेन और अमेरिका के कुछ बच्चों का जीन थेरेपी के जरिए कान का इलाज किया गया था। यह सफल ट्रायल कैंब्रिज यूनिवर्सिटी हॉस्पिटल्स एनएचएस फाउंडेशन ट्रस्ट ने किया। इस थेरेपी के बाद बच्चों की 5 साल तक मॉनिटरिंग की जाएगी।
कैसे काम करती है जीन थेरेपी?
जीन थेरेपी में सर्जरी के दौरान मरीज के कान में एक वायरस डाला जाता हैं। यह वायरस ओटोफेरलिन जीन की नकल को कान के अंदर मौजूद द्रव्य में पहुंचाता है। इससे कोशिकाएं ओटोफेरलिन प्रोटीन बनाने लगती हैं, जिससे कान की क्रिया ठीक हो जाती है।
भारत में बहरेपन की समस्या
भारत में बहरेपन की समस्या सबसे ज्यादा है। विश्व स्वास्थ्य संगठन की 2023 की रिपोर्ट बताती है कि देश में 6 करोड़ 30 लाख लोग बहरेपन की समस्या से जूझ रहे हैं। ये संख्या और बढ़ सकती है। माना जा रहा था कि यह स्थाई समस्या है, लेकिन जीन थेरेपी से उम्मीद बढ़ी है।