सीतापुर। केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी धोंधी में 16 जुलाई को आयोजित नर्सिंग अफसर परीक्षा के पेपर लीक मामले में एक और आरोपी को तालगांव और एसटीएफ की संयुक्त टीम ने ने गिरफ्तार किया है। इस प्रकरण में गिरफ्तार 15वां आरोपित फतेहपुर जिले के पतारी गांव रविकांत वर्मा है, जिसे जमैय्यतपुर के पास से गिरफ्तार किया गया है। आरोपित पर 25 हजार रुपये का इनाम था।
संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एसजीपीजीआई) की नर्सिंग अफसर परीक्षा में पर्चा लीक करवाने के बाद अभ्यर्थियों को नकल कराई गई थी।
पेपर लीक में निभाई थी अहम भूमिका
बताया जा रहा है कि रविकांत परीक्षा के दौरान केंद्र के आसपास उपस्थित था। उसने परीक्षा आयोजक कंपनी के अधिकारियों से पर्चा लीक करवाकर हल करवाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। इसके बाद उत्तर पुस्तिका अभ्यर्थियों में बंटवाई थी। रविकांत ने ही इंस्टीट्यूट और परीक्षा आयोजक कंपनी के बीच संयोजक की भूमिका निभाई थी। उसी ने केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी को परीक्षा केंद्र बनवाया था।
2016 में भी जा चुका है जेल
रविकांत का लखनऊ से लेकर कानपुर तक साम्राज्य फैला है। बताया जा रहा है कि वह अकूत संपत्ति का मालिक है और रसूखदारों से संबंध हैं। पर्चा लीक करवाकर नकल करवाना उसका अघोषित पेशा है। इसी मामले में वर्ष 2016 में एसटीएफ उसे गिरफ्तार कर चुकी है। आरोपित ठेकेदारी भी करता है।
अब तक इनकी हो चुकी गिरफ्तारी
केपी सिंह मेमोरियल इंस्टीट्यूट ऑफ फार्मेसी धोंधी में पकड़े गए सभी आठ नकलची राजस्थान के तीन जनपदों के थे। इसमें करौली के मनमोहन योगी, दिनेश सैनी, हेमंत कुमार व धन सिंह मीना, सवाईं माधौपुर के खुशीराम मीना और गांगापुर सिटी के मिथिलेश कुमार मीना, जगदीश माली व आशीष कुमार गुर्जर शामिल हैं। इसके अलावा परीक्षा आयोजक कंपनी के नगर निवासी उत्कर्ष, गौर व अंकित, साल्वर लखनऊ का सुजीत और कॉलेज के संजय व अमित पकड़े जा चुके हैं।
समय के साथ ही जांच का दायरा बढ़ता जा रहा है। ज्यादातर चीजें स्पेशल टास्क फोर्स ने नियंत्रित करनी शुरू कर दी हैं। प्रकरण में एक बड़े गिरोह का हाथ है, जिसके सदस्य अलग-अलग जिलों से संबंधित हैं। – चक्रेश मिश्र, पुलिस अधीक्षक।