दिव्यांगों , बुजुर्गों और विधवाओं को दी जाए पन्द्रह हजार मासिक पेंशन : एम आर पाशा 

समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए जनपद मुख्यालय पर लगा‌ए जाए विशेष शिविर

बिजनौर। राष्ट्रीय विकलांग एसोसिएशन के संस्थापक व राष्ट्रीय अध्यक्ष एम आर पाशा ने उत्तर प्रदेश प्रदेश सरकार से मांग करते हुए कहा कि विकलांगों एवं गरीबों बुजुर्गों विधवाओं को आंध्र प्रदेश सरकार की तर्ज पर 15 हजार रुपए मासिक पेंशन हर माह की पहली तारीख को उनके खाते में जमा कराई जाए। साथ ही सरकारी नौकरियों में विकलांगों को पर्याप्त आरक्षण देते हुए उनकी सुरक्षा व संरक्षण का इंतजाम किया जाए।

प्रेस को जारी बयान में श्री पाशा ने कहा कि वर्तमान में विकलांगों विधवाओं गरीबों बुजुर्गों एवं दवे कुचले समाज के साथ अच्छा व्यवहार नहीं हो रहा है। सरकार की नीतियां भेदभाव पूर्ण है। ऊपर से अधिकारी व कर्मचारी अपनी भ्रष्ट मानसिकता के चलते इनका शोषण कर रहे हैं। एक तरफ इस वर्ग के लिए सरकारी योजनाएं पर्याप्त नहीं है और ऊपर से मौजूदा योजनाओं का लाभ भी इस वर्ग को नहीं मिल पा रहा है। अधिकारियों की मानसिकता गरीब व आम आदमी विरोधी हो गई है। अधिकारी विकलांगों व गरीबों से मिलना पसंद नहीं करते हैं। उन्होंने कहा की सरकार को इस सच्चाई से वाकिफ होकर भ्रष्ट अधिकारियों व कर्मचारियों को जबरन सेवा मुक्त करना चाहिए। ताकि व्यवस्था में सुधार आ सके और सरकार की छवि पर कोई प्रतिकूल असर न पड़े। उन्होंने कहा कि विकलांगों व गरीबों बुजुर्गों विधवाओं की कोई सुनवाई नहीं हो रही है। ना तो उन्हें सरकारी नौकरियां मिल पा रही हैं और ना ही अन्य जन कल्याणकारी योजनाओं का लाभ मिल पा रहा है।

उन्होंने कहा कि विकलांगों गरीबों बुजुर्गों विधवाओं एवं दवे कुचले  समाज की समस्याओं व शिकायतों के समाधान के लिए जनपद मुख्यालय पर विशेष शिविर लगाए जाने चाहिए। ताकि उनका मौके पर ही समाधान हो सके। उन्होंने कहा कि विकलांगों व गरीबों बुजुर्गों को महंगाई के इस दौर में काम से कम 15000 रुपए मासिक पेंशन दी जानी चाहिए लेकिन फिलहाल सरकार को हर माह उनके खातों में दस हजार रुपए मासिक पेंशन जमा करनी चाहिए साथ ही बिना भेदभाव के मुफ्त इलाज की सुविधा भी उनके पूरे परिवार को मिलनी चाहिए। तहसील मुख्यालयों कस्बों एवं ग्रामीण क्षेत्र के बद से बदतर स्वास्थ्य सुविधाओं की खस्ता हालत पर चिंता जताते हुए श्री एम आर पाशा ने कहा कि सरकार अपनी घोषणाओं पर अमल नहीं कर पाती है। सरकार की घोषणाएं हवाई होती हैं। आम जनता मौजूदा व्यवस्था से बुरी तरह परेशान है।

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