तमिलनाडु: हर साल अइप्पासी महीने की पूर्णिमा पर शिव मंदिरों में अन्नाभिषेकम समारोह का आयोजन किया जाता है यह आयोजन धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है तंजावुर के प्रसिद्ध पेरुवुदयार मंदिर में अन्नाभिषेकम बड़े पैमाने पर आयोजित होता है, जो इस वर्ष 15 नवंबर को मनाया गया इस आयोजन को देखने और पूजा में भाग लेने के लिए देशभर से श्रद्धालु बड़ी संख्या में पहुंचे
भक्तों का योगदान और तैयारियां
इस पवित्र आयोजन के लिए श्रद्धालुओं ने दिल खोलकर दान दिया भक्तों ने 1000 किलोग्राम चावल और 500 किलोग्राम ताजे फल एवं सब्जियां भेंट कीं आयोजन की शुरुआत सुबह से हुई, जहां 6 फीट ऊंचे शिवलिंग, जिसे “लिंग थिरुमनी” कहा जाता है, पर आसुत जल से अभिषेक किया गया. इसके बाद विभिन्न प्रकार की सब्जियां जैसे मूंग, शकरकंद, गाजर, बैंगन, पत्तागोभी, मूली, आलू और चुकंदर से शिवलिंग को सजाया गया
फल-फूलों से की गई भव्य सजावट
आयोजन को और भव्य बनाने के लिए सेब, संतरा, अनानास, केला और तरबूज जैसे फलों के साथ फूलों का भी उपयोग किया गया मंदिर परिसर रंगीन फूलों और आकर्षक फलों की सजावट से मनमोहक दिख रहा था इस भव्य वातावरण में श्रद्धालु भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर रहे थे
दीपरथानम और श्रद्धालुओं की भीड़
सजावट और अभिषेक के बाद दीपरथानम (विशेष आरती) का आयोजन किया गया हजारों की संख्या में उपस्थित श्रद्धालुओं ने भगवान पेरुवादैयार की पूजा की आरती के दौरान पूरे मंदिर परिसर में भक्तिमय माहौल बना रहा इस आयोजन में बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक सभी ने बड़ी श्रद्धा और भक्ति से हिस्सा लिया
अन्नाभिषेकम का आध्यात्मिक महत्व
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव का प्रतिदिन 16 प्रकार के तरल पदार्थों से अभिषेक किया जाता है. लेकिन अइप्पासी महीने की पूर्णिमा पर आयोजित अन्नाभिषेकम का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि जो लोग इस आयोजन का साक्षी बनते हैं, उन्हें एक हजार शिवलिंगों के दर्शन करने का पुण्य प्राप्त होता है