दक्षिण तमिलनाडु में भीषण बारिश में 10 लोगों की गई जान

चेन्नई। तमिलनाडु के दक्षिणी जिलों में बीते दो दिनों में अब तक के इतिहास की सबसे ज्यादा बारिश हुई। इसमें 10 लोगों की जान चली गई। आम जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है। हर तरफ बाढ़ का पानी भर गया है।

एजेंसी पीटीआई के अनुसार, मुख्य सचिव शिवदास मीणा ने मंगलवार को कहा कि दक्षिणी जिलों विशेषकर तिरुनेलवेल्ली और तूतीकोरिन में रिकार्ड बारिश हुई है और बाढ़ आई है। 30 घंटों के भीतर कयालपट्टिनम में 1,186 एमएम बारिश हुई, जबकि तिरुचेंदूर में 921 एमएम बारिश हुई। उन्होंने कहा कि सभी दस मौतें इन दोनों जिलों में हुई हैं। कुछ की जान दीवार गिरने के कारण गई तो कुछ की मौत करंट लगने से हुई।

शिविर में 17 हजार लोग रहने के लिए विवश
मीणा ने कहा कि नौसेना, वायु सेना, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ सहित केंद्र और राज्य सरकार की एजेंसियों के लगभग 1,343 कर्मी बचाव और राहत अभियान में जुटे हुए हैं। अब तक हमने 160 राहत शिविर स्थापित किए गए हैं। इन राहत शिविरों में लगभग 17,000 लोगों को रखा गया है। अभी भी कुछ गांवों तक हम नहीं पहुंच सके हैं क्योंकि वहां जल स्तर अभी कम नहीं हुआ है। सचिव ने कहा कि राहत कार्य में नौ हेलीकॉप्टर लगाए गए हैं और उनके जरिए फंसे हुए लोगों तक 13,500 किलोग्राम खाद्य सामग्री पहुंचायी गई है।

809 रेल यात्रियों को मंगलवार को निकाला गया
दक्षिणी तमिलनाडु में थूथुकुडी के पास भीषण बाढ़ से प्रभावित श्रीवैकुंटम में फंसे सभी 809 रेल यात्रियों को मंगलवार को निकाल लिया गया। पहले उन्हें बसों से वान्ची मणियाच्चि रेलवे स्टेशन ले जाया गया, जहां से उन्हें एक विशेष ट्रेन से चेन्नई ले जाया जाएगा।मंगलवार शाम यहां राजभवन में राज्यपाल आरएन रवि की अध्यक्षता में एक बैठक हुई। बैठक वर्तमान स्थिति और चल रहे बचाव और राहत कार्यों की समीक्षा करने, एजेंसियों के बीच बेहतर समन्वय लाने और बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में बचाव और राहत प्रयासों के लिए अतिरिक्त संसाधन जुटाने के लिए आयोजित की गई थी।

इसमें केंद्रीय एजेंसियों और रक्षा बलों ने भाग लिया मगर सरकार का कोई प्रतिनिधि शामिल नहीं हुआ।उधर, मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने राज्य में आपदा की भयावहता को देखते मंगलवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को पत्र लिखकर केंद्र से अधिक से अधिक संख्या में हेलीकॉप्टर राहत-बचाव कार्यों में तैनात करने का आग्रह किया।

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