वन दरोगा व वन रक्षक की मिली भगत से चला हरियाली पर आरा

कार्यवाही के नाम पर की गई लीपापोती

सीतापुर। एक तरफ प्रदेश सरकार के मुखिया योगी आदित्यनाथ उत्तर प्रदेश को हरा भरा प्रदेश बनाने के सपने को साकार करने में लगे हुए है। वही दूसरी तरफ वन विभाग में कई वर्षों से एक ही रेंज में जमे बैठे वन दरोगा प्रदेश सरकार के मुखिया के सपने को चूर चूर करने में कोई कसर नही छोड़ रहे है।

गौरतलब हो जनपद के इमलिया सुल्तानपुर थाना क्षेत्र के तिहार गांव जो हरगांव वन रेंज के क्षेत्रांतर्गत आता है जहां पर हरे भरे 04 आम व 02 जामुन व अन्य छूट प्रजाति के पेड़ों को लकड़ी ठेकेदारों के द्वारा काट दिया जाता है जिसमे 02 जामुन व छूट प्रजाति के कुछ वृक्ष ग्राम पंचायत में बने चकमार्ग पर लगा होने की बात कहते हुए ग्रामीणों ने विरोध करना प्रारंभ कर दिया। ग्रामीणों की माने तो उन्ही के द्वारा वन विभाग व राजस्व विभाग को फोन के माध्यम से सूचना दे दी गयी।

सूचना पर वन विभाग के दरोगा गुरु नारायण व वन रक्षक विनय सिंह जिनके यह कार्य क्षेत्र में आता है वही सहयोग में वन दरोगा मुकेश वर्मा भी सूचना पर पहुंच कर जांच पड़ताल की वही ग्रामीणों के विरोध की सूचना पर पत्रकार भी मौके पर पहुंच गए और कृत कार्यवाही के बारे में वन दरोगा गुरु नारायण से जानकारी करने का प्रयास किया। इतने में वन दरोगा गुरु नारायण आग बबूला हो गए और पत्रकारों को अर्दब में लेने का हर संभव प्रयास किया। तभी ग्रामीणों ने बताया 04 पेड़ों पर कार्यवाही किये जाने की बात कर रहे है। जब पत्रकारों ने पड़ताल की तो मौके पर 06 प्रतिबंधित हरे भरे आम व जामुन के पेड़ काटे गए थे जिस पर वन दरोगा गुरु नारायण व वन रक्षक विनय सिंह के द्वारा लीपापोती की जा रही थी। तभी हरगांव वन क्षेत्राधिकारी बीनू पाल भी मौके पर पहुंच गई और जांच पड़ताल में जुट गई। पत्रकारों ने जब कैमरे के सामने बयान लेने का प्रयास किया तो वन क्षेत्राधिकारी कैमरे के सामने आने से कतराती रही।

अब सवाल यह उठता है वन क्षेत्राधिकारी का कैमरे के सामने बयान देने से इनकार करना कहीं अपने अधिनस्तो को बचाने का प्रयास तो नही है ?

जबकि ग्रामीणों ने मौखिक बताया भी की लेखपाल ने चकमार्ग पर लगे वृक्षों को काटने से मना भी किया था उसके बावजूद वन दरोगा व वन रक्षक की सह पर लकड़ी ठेकेदारों ने चकमार्ग पर लगे पेड़ों को काट कर ज़मीदोज़ कर दिया और लकड़ी को वन विभाग की मौजूदगी में ही भर कर भी लेकर चले गए। इससे पहले भी ब्लॉक एलिया की ग्राम पंचायत में हरे भरे वृक्षों पर वन विभाग व पुलिस की मिली भगत से लकड़कट्टों के द्वारा आरा चलाया जा चुका है। कार्रवाई सिर्फ कागजों पर की जाती है धरातल तो कुछ और ही बयां कर रहा है। सरकार की मिशन पर वन विभाग के अधिकारी पानी फेरते नजर आ रहे हैं।

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