कांग्रेस ने जल संकट के स्थाई समाधान के बारे में सोचा ही नहीं: पीएम मोदी

मध्य प्रदेश। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को मध्य प्रदेश के खजुराहो में केन-बेतवा लिंक परियोजना का शिलान्यास किया। इस मौके पर उन्होंने देश की बड़ी नदी परियोजनाओं का श्रेय डॉ. भीमराव अंबेडकर को देते हुए कहा आजादी के बाद की जल घाटी परियोजनाओं के पीछे उन्हीं का विजन था।

मध्य प्रदेश और उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड की तस्वीर और तकदीर बदलने वाली केन-बेतवा लिंक परियोजना के शिलान्यास के मौके पर प्रधानमंत्री ने राज्य को कई अन्य सौगातें भी दीं। उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी पर एक डाक टिकट और एक स्मारक सिक्का भी जारी किया जिनकी आज 100वीं जयंती है।

पीएम मोदी ने विपक्षी दल कांग्रेस को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि जहां उसकी सरकार है वहां सुशासन हो ही नहीं सकता। इसे बुंदेलखंड के लोगों ने भी वर्षों तक भुगता है। पीढ़ी दर पीढ़ी यहां के किसान, माता-बहनों ने बूंद बूंद पानी के लिए संघर्ष किया है। ऐसा इसलिए क्योंकि कांग्रेस ने जल संकट के स्थाई समाधान के बारे में सोचा ही नहीं, इसको समझा ही नहीं।

उन्होंने कहा कि आजादी के बाद जल संरक्षण का क्रेडिट एक ही व्यक्ति को देने के नशे में सच्चे सेवक को भुला दिया गया। देश की जल शक्ति, जल संसाधन, पानी के लिए बांधों के निर्माण का किसी एक महापुरुष को क्रेडिट जाता है तो वह डॉ. भीमराव अंबेडकर हैं। जल घाटी परियोजनाओं के पीछे उन्हीं का विजन था। आज जो केंद्रीय जल आयोग है इसके पीछे भी बाबासाहेब के ही प्रयास थे। कांग्रेस ने कभी जल संरक्षण से जुड़े प्रयासों के लिए, बड़े बांधों के लिए बाबासाहेब को श्रेय नहीं दिया।

प्रधानमंत्री मोदी ने अटल बिहारी वाजपेयी की जयंती को प्रेरणादायी बताते हुए कहा कि यह पर्व सुशासन की, सुसेवा की हमारी प्रेरणा का भी पर्व है। मध्य प्रदेश में 1,100 अटल ग्राम सुशासन भवन का भूमि पूजन किया गया है। सुशासन भाजपा सरकार की पहचान है। उन्होंने कहा कि देश में जितनी सरकारें हैं उनका मूल्यांकन होना चाहिए। जहां कांग्रेस की सरकार होती है, वहां क्या काम होता है; जहां लेफ्ट वालों ने सरकार बनाई, वहां क्या हुआ; जहां परिवारवादी पार्टी ने सरकार चलाई वहां क्या हुआ; जहां मिली-जुली सरकार चली, वहां क्या हुआ; और जहां-जहां भाजपा को सरकार चलाने का मौका मिला वहां क्या हुआ, इसका भी मूल्यांकन होना चाहिए।

उन्होंने दावा किया कि जब-जब भाजपा को सेवा करने का अवसर मिला, “हमने पुराने सारे रिकॉर्ड तोड़कर जनहित के जन कल्याण, विकास के कामों में सफलता पाई है”। निश्चित मापदंडों पर मूल्यांकन हो जाए तो देश देखेगा कि हम जन सामान्य के प्रति कितने समर्पित हैं। आजादी के दीवानों ने जो सपने देखे थे, उन सपनों को साकार करने के लिए हम दिन-रात पसीना बहाते हैं। जिन्होंने देश के लिए खून बहाया उनका रक्त बेकार न जाए, हम अपने पसीने से उनके सपनों को सींच रहे हैं। सुशासन के लिए अच्छी योजनाओं के साथ ही उन्हें अच्छी तरह लागू करना भी जरूरी है। सरकार की योजनाओं का लाभ कितना पहुंचा, यह सुशासन का पैमाना होता है।

उन्होंने कहा, “कांग्रेस की सरकारों की न तो नीयत थी और न ही उनमें योजनाओं को लागू करने की क्षमता। आज किसान सम्मान निधि जैसी योजना का लाभ हम देख रहे हैं। मध्य प्रदेश में किसानों को किसान सम्मान निधि के 12 हजार रुपये मिल रहे हैं।”

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने ईसाई समुदाय को क्रिसमस की बधाई दी। उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश प्रदेश में मोहन यादव सरकार में बीते एक साल में विकास को एक नई गति मिली है। आज भी यहां हजारों करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं की शुरुआत हुई है। केन-बेतवा लिंक परियोजना के शिलान्यास के साथ ओंकारेश्वर फ्लोटिंग प्लांट का भी लोकार्पण हुआ है। यह प्रदेश का पहला फ्लोटिंग प्लांट है।

इससे पहले मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा, “आज सुखद दिन है, अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा वह पूरा हो रहा है। जब भी सूखे की बात आती थी तो बुंदेलखंड की चर्चा होती थी। यहां से लोग बड़ी संख्या में पलायन करते थे।

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री सी.आर. पाटिल ने कहा, “अटल बिहारी वाजपेयी ने नदी जोड़ो की बात सबसे पहले की थी और उनके जाने के बाद उस पर किसी ने ध्यान नहीं दिया। नदी जोड़ो के जरिए देश का विकास हो पाएगा, नदी को जोड़ना होगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इसे जानते थे और इसीलिए वह केन-बेतवा नदी जोड़ो योजना की सौगात दे रहे हैं।”

स्थानीय सांसद और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष विष्णु दत्त शर्मा ने कहा, “आज पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के सपने को पूरा करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आए हैं। लोगों ने यहां के सूखे पर प्रलाप किया और राजनीतिक पर्यटन करने आए। मगर आज सौगात मिल रही है। हम सौभाग्यशाली है कि अटल बिहारी वाजपेयी ने जो सपना देखा था, उसे पूरा किया जा रहा है। अब यह बुंदेलखंड हरा-भरा और समृद्ध बुंदेलखंड होगा।”

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