लखनऊ। निठारी कांड में सीबीआई ने करीब 16 मामले दर्ज किए गए थे। जिसमें सुरेंद्र कोली को 12 मामलों में फांसी की सजा मिली थी। वहीं आरोपी मोनिदर सिंह पंढेर के खिलाफ 6 केस दर्ज थे। इन्हीं में से 3 मामलों में दोनों आरोपितयों को फांसी की सजा सुनाई गई थी।
दरअसल 2005 से 2006 में नोएडा में हुए निठारी कांड में सीबीआई ने सुरेंद्र कोली को हत्या, अपहरण, बलात्कार जैसे मामलों में सबूत मिटाने का आरोपी बनाया था। वहीं मोनिदर सिंह पंढेर को मानव तस्करी के केस में आरोपी बनाया गया था। सीबीआई अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी। जिसके बाद दोनों आरोपियों ने अपनी फांसी की सजा को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी थी।
आरोपियों की तरफ से कोर्ट में कहा गया था कि इन घटनाओं का कोई चश्मदीद मौजूद नहीं है। ऐसे में सिर्फ वैज्ञानिक और परिस्थितियों के हिसाब से बने सबूतों के आधार पर ये सजा दी गई है। जिस पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस अश्वनी कुमार मिश्र और जस्टिस एस एच ए रिजवी की बेंच ने दोनों आरोपियों को फांसी दोषमुक्त कर दिया।
जानें-क्या है निठारी कांड
बता दें कि 29 दिसंबर साल 2006 को देश की दिल्ली से सटे यूपी के गौतमबुद्ध नगर (नोएडा) में मनिंदर सिंह पंढेर के घर के पीछे के नाले से पुलिस ने 19 कंकाल बरामद किए थे। इन 19 में से 176 मामलों पर पंढेर और कोली के खिलाफ चार्जशीट दाखिल की गई थी।
ये मामला साल 2005-2006 के बीच का है जब एक शख्स ने नोएडा के सेक्टर 20 थाने में अपनी बेटी की गुमशुदगी की शिकायत दर्ज कराई थी। पुलिस द्वारा जब इसकी जांच की गई तो निठारी कोठी नंबर डी-5 के रहने वाले मोनिंदर सिंह पंढ़ेर की कोठी के पीछे स्थित नाले में से कई नरकंकाल बरामद हुए हैं। मानव अंग में 40 पैकेट बरामद किए गए थे। इनमें कई बच्चों को नरकंकाल भी शामिल थे।
कोठी नं-डी-5 में मिले थे नरकंकाल
नर कंकाल मिलने का मामला पूरे देश में चर्चा में आ गया था। जब ये खबर सामने आई तो पूरे इलाके में हड़ंकप मच गया था। इस मामले की जांच में ही कोठी नंबर डी-5 से कई बच्चों समेत अन्य लोगों के नर कंकाल पाए गए थे। जिसके बाद कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंदर कोली को गिरफ्तार किया गया था। दोनों अब तक कानून के शिकंजे में हैं। कोली को तो इस मामले से जुड़े विभिन्न केसों में 14 बार फांसी की सजा मिल चुकी है। कोर्ट में 14 साल तक इस मामले की सुनवाई चली।
सुरेंदर कोली कोठी का केयरटेकर था। उस पर लड़कियों को गायब करने और कोठी में लाए जाने के आरोप हैं। 2006 से 2007 के बीच में निठारी गांव से दर्जनों लड़कियां लापता हो गईं थी। इतना ही नहीं ये भी आरोप थे कि वह छोटे बच्चों को भी किसी बहाने से बुलाता था और गंदे काम करता था।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक कोली शवों को टुकड़ों में काटता था, पकाता और फेंक दिया करता था। जांच के दौरान कोठी के पीछे स्थित नाले में कंकाल के अवशेष भी पाए गए। डीएनए परीक्षण से पुष्टि भी हुई कि वे कई लापता लड़कियों के अवशेष थे। पंढेर और कोली के साथ ग़ाज़ियाबाद की एक अदालत परिसर में 25 जनवरी 2007 मारपीट हुई। उन्हें पेश करने के लिए सीबीआई अदालत लाई थी। 8 फ़रवरी 2007 को कोली और पंढेर को 14 दिन की सीबीआई कस्टडी में भेजा गया।
उत्तराखंड के अल्मोड़ा रहने वाला सुरेंदर कोली
नोएडा निठारी का नर पिशाच सुरेंदर कोली उत्तराखंड के अल्मोड़ा के एक गांव का रहने वाला है। खबरों के मुताबिक साल 2000 में वो दिल्ली आया था। दिल्ली में कोली एक ब्रिगेडियर के घर पर खाना बनाने का काम करता था। सुरेंद्र कोली 2003 में पंढेर के संपर्क में आया। फिर वह नोएडा सेक्टर-31 के डी-5 कोठी में काम करने लगा। 2004 में पंढेर का परिवार पंजाब चला गया। इसके बाद वह और कोली साथ में कोठी में रहने लगे थे। नोएडा स्थित पंढेर की कोठी में अक्सर कॉलगर्ल आया करती थीं। इस दौरान वह कोठी के गेट पर नजर रखता था।